ऐसा कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में भारत में एक धर्म का उदय हुआ जिसने समानता बहादुरी और उदारता की बात की गई। यह सिख धर्म था। इसकी स्थापना संत गुरु नानक द्वारा की गई।
ऐसा कहा जाता है कि 15वीं शताब्दी में भारत में एक धर्म का उदय हुआ जिसने समानता, बहादुरी और उदारता की बात की गई। यह सिख धर्म था। इसकी स्थापना संत गुरु नानक द्वारा की गई। कहा जाता है कि सिख धर्म भारत में चौथा सबसे बड़ा धर्म है। 30 नवंबर को गुरुनानक जयंती है। इस दिन का महत्व बहुत अधिक है। गुरुनानक जयंती सिख सम्प्रदाय के लोगों के लिए बेहद खास होता है। ऐसा कहा जाता है कि नानक देव का सांसारिक कार्यों में मन नहीं लगता था और वो ईश्वर की भक्ति और सत्संग आदि में ज्यादा रहते थे। भगवान के प्रति इनका समर्पण देख लोगों द्वारा इन्हें दिव्य पुरुष कहा जाने लगा। सिख धर्म का प्रमुख धार्मिक स्थल गुरुद्वारा है। पूरे भारत में स्थापित हजारों गुरुद्वारे हैं। जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको हम आपको भारत में मौजूद कुछ लोकप्रिय गुरुद्वारों की जानकारी दे रहे हैं-
भारत में मौजूद लोकप्रिय गुरुद्वारे:
गुरुद्वारा हरि मंदिर साहिब, पंजाब
गुरुद्वारा बाबा अटल साहिब, पंजाब
तख्त श्री दमदमा साहिब, पंजाब
श्री हरमंदिर साहिब, अमृतसर
तख्त श्री पटना साहिब, बिहार
गुरुद्वारा बंग्ला साहिब, नई दिल्ली
गुरुद्वारा मजनू का टीला, दिल्ली
गुरुद्वारा मट्टन साहिब, जम्मू और कश्मीर
गुरुद्वारा सेहरा साहिब, पंजाब
तख्त/ सचखंड श्री हजूर अचलनगर साहिब गुरुद्वारा, महाराष्ट्र
गुरुद्वारा नानक झीरा साहिब, कर्नाटक
गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब, उत्तराखंड
गुरुद्वारा रेवाल्सर, हिमाचल प्रदेश
गुरुद्वारा डेरा बाबा भड़भू, हिमाचल प्रदेश
गुरुद्वारा भानगनी साहिब, हिमाचल प्रदेश
गुरुद्वारा नादुआन, हिमाचल प्रदेश
गुरुद्वारा पौर साहिब, हिमाचल प्रदेश
गुरुद्वारा शेरगढ़ साहिब, हिमाचल प्रदेश
गुरुद्वारा श्री नारायण हरि, हिमाचल प्रदेश
गुरुद्वारा मंडी, हिमाचल प्रदेश
गुरुद्वारा तीरगढ़ साहिब, हिमाचल प्रदेश
गुरुद्वारा श्री पांवटा साहिब, हिमाचल प्रदेश
जानें गुरुनानक देव के बारे में:
गुरुनानक देव जी का जन्मदिन हर वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। ये सिख धर्म के प्रथम गुरु माने गए हैं। गुरु नानक देव ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी। गुरु नानक देव ने अपने पारिवारिक जीवन के सुख को त्यागकर दुनिया की कई जगहों पर यात्राएं कीं। इन यात्राओं के दौरान इन्होंने लोगों के मन में बस चुकी कुरीतियों को दूर करने की दिशा में काम किया।
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