देशभर में बैंकिंग सेवाएं गुरुवार को प्रभावित रह सकती हैं। वह इसलिए क्योंकि विभिन्न सरकारी निजी और कुछ विदेशी बैंकों के चार लाख कर्मचारी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई एकदिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग ले रहे हैं।
देशभर में बैंकिंग सेवाएं गुरुवार को प्रभावित रह सकती हैं। वह इसलिए, क्योंकि विभिन्न सरकारी, निजी और कुछ विदेशी बैंकों के चार लाख कर्मचारी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई एकदिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग ले रहे हैं। भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने गुरुवार को विभन्न सरकारी नीतियों के विरोध में एक दिवसीय हड़ताल बुलाई है।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मंगलवार को कहा कि 26 नवंबर को देशव्यापी आम हड़ताल की तैयारी जोरों पर हैं। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ‘इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस), सेंटर फार इंडियान ट्रेड यूनियंस (सीटू), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी), ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी), सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) के संयुक्त फोरम ने इस बारे में संयुक्त बयान जारी किया।
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की 26 नवंबर में राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है। हड़ताल का आह्वान केंद्र सरकार की श्रम-विरोधी नीतियों के खिलाफ किया गया है।
संयुक्त फोरम में स्वतंत्र फेडरेशन व संगठन भी शामिल हैं। संयुक्त फोरम ने कहा, ‘‘26 नवंबर की अखिल भारतीय हड़ताल के लिये तैयारियां जोरों पर हैं। हम उम्मीद करते हैं कि 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी इस बार हड़ताल में हिस्सा लेंगे।’’ इस बीच, भाजपा से संबंधित भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने स्पष्ट किया है कि वह इस हड़ताल में भाग नहीं लेगा।
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