सूर्य देव और छठी मैया की आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज से प्रारंभ नहाय-खाय से हो रहा है। छठ पूजा का व्रत पौराणिक काल से किया जा रहा है। चाहे वह त्रेतायुग हो या फिर द्वापर युग, भगवान राम और माता सीता, द्रौपदी ने भी छठी मैया का व्रत रखा था। संतान प्राप्ति, सुखद जीवन के लिए यह व्रत होता है। यह सभी व्रतों में कठिन माना जाता है। यह व्रत मुख्यत: बिहार, झारखंड और पूवी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है, लेकिन इस उत्सव की धूम हर उस जगह होती है, जहां पर इस क्षेत्र के लोग निवास करते हैं। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता समेत हर बड़े शहर में छठ पूजा का उत्सव होता है। छठ पूजा का उमंग और उल्लास देखते ही बनता है। बाजारों में अलग ही रौनक होती है। नदियों और तालाबों के घाट छठी मैया के गानों तथा विशेष सजावटों से आलोकित होते रहते हैं। छठ महापर्व का लोक महत्व जानने के लिए आपको छठी पूजा की ये तस्वीरें जरूर देखनी चाहिए।छठ पूजा में सूर्य और छठी मैया की पूजा होती है। यह हर साल कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि को होता है। षष्ठी को संध्या के समय में सूर्य की पूजा होती है।छठ पूजा में नदी या तालाब के किनारे छठी मैया की विशेष पूजा होती है।
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