कृषि कानूनों की वापसी की मांग करने वाले पंजाब व हरियाणा के किसानों ने आज देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। इन किसानों के समर्थन में पूरा विपक्ष है। इन विपक्षी पार्टियों ने भी केंद्र से कानूनों की वापसी की मांग की है।
नई दिल्ली, एएनआइ। कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर मंगलवार को भी लगातार बारहवें दिन किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस क्रम में आज किसान यूनियनों ने देशभर में भारत बंद का आवाह्न किया है और कल यानि बुधवार को केंद्र सरकार और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता होगी। इस बंद को सभी विपक्षी पार्टियों का समर्थन मिला है।
अराजकता फैलाना चाहता है विपक्ष: स्मृति ईरानी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, 'बौखलाया हुआ विपक्ष जो वोट के माध्यम से जनता का समर्थन प्राप्त नहीं कर पाया, वो आज कानून-व्यवस्था को भंग करने पर उतारू हो चुका है ताकि वो अपनी राजनीति चमका सके। कहीं न कहीं राजनीतिक दखल है कि अराजकता फैले।' कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'नए कृषि सुधार कानूनों से आएगी किसानों के जीवन में समृद्धि! विघटनकारी और अराजकतावादी ताकतों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार से बचें। MSP और मंडियां भी जारी रहेगी और किसान अपनी फसल अपनी मर्जी से कहीं भी बेच सकेंगे।' जावड़ेकर ने विपक्ष को बताया 'ढोंगी' केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा, 'कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इन कृषि कानूनों का उल्लेख किया । इन कानूनों की वापसी की मांग करने वाला विपक्ष ढोंगी है। अपनी सत्ता के दौरान उन्होंने कंट्रैक्ट कृषि कानूनों को पारित किया था, इस तरह की पेशकश कभी नहीं की।' उन्होंने आगे कहा, 'किसानों ने लागत के अतिरिक्त लाभ की मांग की थी और हम उन्हें पहले ही लागत से 50 फीसद अधिक दे रहे हैं।'
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