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होलकर राजपरिवार में 25 साल बाद मिटीं दूरियां, प्रिंस रिचर्ड और पत्नी शालिनी के बीच पिघली रि‍श्‍तों


रिचर्ड (शिवाजी राव होलकर) और शालिनी होलकर राजवंश की चर्चित जोड़ि‍यों में से एक हैं। रिचर्ड का ननिहाल फ्रांस में है। उनकी मुलाकात 38 साल पहले फ्रांस में ही शैली (शालिनी) से हुई थी। दोनों शादी के बंधन में बंध गए।


ऐतिहासिक रूप से मध्य भारत के प्रसिद्ध होलकर राजघराने से सुखद संदेश आया है। रानी शालिनी देवी के कदम फिर पड़ने से खरगोन जिले के महेश्वर किले की रौनक बढ़ गई है। 25 साल पहले प्रिंस रिचर्ड होलकर से अलग होकर उन्होंने किले से तीन किमी दूर नर्मदा नदी के तट पर नया आशियाना बना लिया था। अब दोनों के बीच दूरियां मिट गई हैं। कोरोना के कारण लगा लॉकडाउन दोनों के बीच की खाई पाटने में मददगार साबित हुआ। शालिनी लॉकडाउन के दौरान किले में रहने चली आई। इससे पहले जब वे किले से अपने नए आशियाने में गई थीं, इसके बाद उन्होंने किले की चौखट पर कदम तक नहीं रखा था। अब रिश्तों की बर्फ पिघलने लगी है और लगातार उनका आना-जाना लगा रहता है।


आपसी सहमति से रहने लगे थे अलग

रिचर्ड (शिवाजी राव होलकर) और शालिनी होलकर राजवंश की चर्चित जोड़ि‍यों में से एक हैं। रिचर्ड का ननिहाल फ्रांस में है। उनकी मुलाकात 38 साल पहले फ्रांस में ही शैली (शालिनी) से हुई थी। मुलाकातें बढ़ती गई और दोनों शादी के बंधन में बंध गए, लेकिन कुछ सालों में दोनों के बीच मतभेद इतने बढ़ गए कि शालिनी ने किला छोड़ने का फैसला ले लिया, हालांकि उन्होंने कभी देवी अहिल्याबाई की राजधानी रही महेश्वर के लोगों को नहीं छोड़ा। वे महेश्वर के समीप ही टूलिया गांव में अपने फार्म हाउस में रहने चली गई। लॉकडाउन के दौरान किले में वापस आने की एक बड़ी वजह उनका बेटा यशवंतराव होलकर (द्वितीय) भी है।


हालांकि अभी भी उनका फार्म हाउस में आना-जाना लगा रहता है। राजपरिवार से जुड़े लोग भी दोनों के बीच नजदीकी को देखकर खुश हैं। शालिनी ने एक मास्क सेना भी बनाई है और किले में ही शालिनी की अगुवाई में सेना की बैठकें होती हैं। यह सेना माहेश्वरी कपड़ों से बने मास्क बांटती है। रिचर्ड कहते हैं कि शालिनी लॉकडाउन के दौरान हमारे साथ थीं, उनका किले में स्थित पैलेस में आना-जाना जारी है। बेटे यशवंत राव (द्वितीय) ने कहा कि यह परिवार का निजी मामला है। शालिनी से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया, लेकिन उनसे चर्चा नहीं हो पाई।


बारात में नहीं हुई थीं शामिल

रिचर्ड और शालिनी की दो संतान हैं। बेटी सबरीना और बेटा यशवंत। दोनों की शादी हो चुकी है। शादी के अलावा ऐसे कई मौके आए जब परिवार जुड़ सकते थे, लेकिन शालिनी अपने फैसले पर कायम रहीं। 23 दिसंबर 2015 को बेटे यशवंतराव की शादी हुई। तब 1935 की विंटेज कार में बरात निकली। यशवंत के साथ पिता रिचर्ड और बहन कार में सवार हुए, लेकिन इस दौरान शालिनी नजर नहीं आई। घाट के समीप बने अहिल्येश्वर मंदिर में फेरों के समय उन्होंने जरूर विवाह की रस्मों में भाग लिया। जो मेहमान शादी में आए थे, उनके लिए शालिनी ने अपने फार्म हाउस पर अलग से डिनर दिया था। महेश्वरी साड़ी बनाने वाले बुनकरों के उत्थान के लिए काम करने की वजह से शालिनी महेश्वर के ग्रामीणों में काफी लोकप्रिय हैं। उन्होंने किले के पास की कॉलोनी में कुछ समय पहले एक नई यूनिट भी शुरू की है।


किले से बहुत लगाव रखते हैं रिचर्ड

प्रिंस रिचर्ड का नाम उनके पिता महाराजा यशवंतराव होलकर ने शिवाजीराव रखा था। यशवंत राव होलकर ने तीन शादियां की थीं। पहली पत्नी संयोगिता राजे से बेटी उषा राजे पैदा हुई, जबकि फ्रांस से ब्याह कर लाई यूफेमिया ने प्रिंस रिचर्ड को जन्म दिया था। रिचर्ड के बेटे यशवंत की शादी मशहूर उद्योगपति आदि गोदरेज की नातिन नायरिका से पांच साल पहले हुई। इस शाही शादी में आदि गोदरेज, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अभिनेता व इसी राजपरिवार के सदस्य विजयेंद्र घाटगे सहित कई बड़ी हस्तियां शामिल हुई थीं। किले को राजसी वैभव के साथ सजाया गया था। दीवारों पर मोगरे के फूलों की लडि़यां और रोशनी के लिए मशालें लगाई गई थीं। देवी अहिल्या बाई होलकर ने जीवन का ज्यादातर समय महेश्वर में ही बिताया था। उनके वंशज रिचर्ड को भी महेश्वर किले से बहुत प्रेम है और उन्होंने भी महेश्वर को कभी नहीं छोड़ा। नर्मदा किनारे स्थित यह किला बहुत खूबसूरत है। यहां पेडमैन, तेवर, अशोका, दबंग जैसी फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। किले के एक हिस्से में पांच सितारा होटल भी है। संचालन रिचर्ड होलकर करते हैं।

 

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