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इजरायल में राजनीतिक संकट, संसद भंग करने के पक्ष में अधिक वोट, दो साल में चौथे चुनाव की ओर देश


बता दें कि इजरायल में कभी भी कोई पार्टी संसद में पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं कर सकी है। इजरायल में साल भर में तीसरी बार हुए चुनावों के नतीजों में किसी भी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं हुआ था।

इजरायल में एक बार फिर राजनीतिक संकट गहराता नजर आ रहा है। एक बार फिर इजरायल में आम चुनाव हो सकते हैं। सांसदों ने संसद को भंग करने के लिए बुधवार को प्राथमिक मतदान पारित कर दिया, जिससे देश दो साल से भी कम समय में चौथे आम चुनाव के करीब पहुंच गया है। इसी के साथ असहज गठबंधन का करीब-करीब अंत हो गया।

इजरायल संसद को भंग करने के लिए विपक्ष द्वारा 120 सदस्यीय सदन में लाये गये प्रस्ताव के पक्ष में 61 वोट पड़े, जबकि विरोध में 54 मत डाले गए हैं। यह प्रस्ताव अब चर्चा के लिए विधायी समिति में जाएगा। बता दें कि यह मत विभाजन तब आया है, जब एक दिन पहले वैकल्पिक प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री बेन्नी गांत्ज ने कहा कि उनकी कहोल एंड लावन (ब्लू एंड व्हाइट) पार्टी इस विधेयक के पक्ष में मतदान करेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नेतान्याहू पर आरोप लगाया गया है कि वह अपने राजनीतिक उद्देश्यों की खातिर बजट मुद्दे पर लोगों को लगातार गुमराह कर रहे हैं। बता दें कि इजरायल में कभी भी कोई पार्टी संसद में पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं कर सकी है। हर बार नेतन्याहू पर्याप्त सीटें जीतने में विफल रहे हैं। सरकार बनाने के लिए वह हर बार काफी संघर्ष करते रहे हैं। इजरायल में साल भर में तीसरी बार हुए चुनावों के नतीजों में किसी भी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली लिकुड पार्टी को महज 36 सीटें मिली हैं। सहयोगी दलों समेत उसके गठबंधन को कुल 58 सीटें मिली थीं जो 120 सदस्यों वाली संसद में बहुमत के आंकड़े 61 से तीन सीटें कम थीं। इसके बावजूद नेतन्‍याहू सत्‍ता पर काबिज हो गए थे।

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