केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नए शैक्षणिक सत्र से इस पर सख्ती से अमल का निर्देश दिया है। बच्चों के बस्ते का वजन चेक करने के लिए स्कूलों में तौल मशीन रखी जाएगी। प्रकाशकों को किताबों के पीछे उसका वजह भी छापना होगा।
स्कूली छात्रों के बस्ते के वजन को लेकर अक्सर उठने वाले विवादों को सरकार ने फिलहाल खत्म कर दिया है। इसे लेकर सरकार ने नई बैग पॉलिसी जारी तैयार की है। इसके मुताबिक, स्कूली बच्चों के बस्ते का वजन उनके वजन के दस फीसद से ज्यादा नहीं होगा। इसके तहत पहली कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के बस्ते का वजन औसतन 1.6 से 2.2 किलोग्राम तय किया गया है, जबकि बारहवीं में पढ़ने वाले छात्रों के बस्ते का वजन अब औसतन 3.5 से 5 किलोग्राम के बीच होगा। वहीं प्री-प्राइमरी में पढ़ने वाले बच्चों के लिए कोई बैग नहीं होगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नए शैक्षणिक सत्र से इस पर सख्ती से अमल का निर्देश दिया है। बच्चों के बस्ते का वजन चेक करने के लिए स्कूलों में तौल मशीन रखी जाएगी। प्रकाशकों को किताबों के पीछे उसका वजह भी छापना होगा। पहली कक्षा के छात्रों के लिए कुल तीन किताबें होंगी, जिनका कुल वजन 1,078 ग्राम होगा।
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