रायपुर। केंद्र सरकार के नए कृषि, श्रम और उपभोक्ता कानूनों को छत्तीसगढ़ में लागू नहीं किया जाएगा। इन केंद्रीय कानूनों को रोकने के लिए राज्य सरकार नया कानून बनाएगी। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमंडलीय हाई पावर कमेटी की बैठक में उक्त फैसला हुआ लिया गया है। कमेटी ने राज्य के हितों की रक्षा के लिए संविधान के दायरे में रहकर विधि सम्मत कानून बनाने पर सहमति व्यक्त की है। इसके लिए विधानसभा काविशेष सत्र बुलाने की भी राय कमेटी ने दी है।
नए कानून में गिनाई ये कमियां : कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र के कानून आने के बाद पूंजीपति ही कृषि उपज के मूल्यों को नियंत्रित करेंगे। यही वजह है कि इस कानून को छत्तीसगढ़ सरकार ने लागू ना करने का फैसला लिया है। सीएम भूपेश बघेल कैबिनेट में यह फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार के कृषि सुधार बिल के विरोध में अब छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए नया कृषि कानून बनाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार जल्द ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकरर कृषि से जुड़ा विधेयक लाया जाएगा।
चारों विधेयकों के प्रतिरूप पर हुई चर्चा : मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कैबिनेट बैठक में केंद्र के चारों विधेयकों के प्रतिरूप को किसानों और गरीबों की मदद के लिए कानून बनाने की चर्चा की गई। यही नहीं बैठक में बताया गया है कि धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारण और प्रक्रिया के संबंध में मंत्रिमंडल उपसमिति की बैठक जल्द होगी। वहीं खरीफ बिक्री वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य धान उपार्जन के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से लोन पर सरकार गारंटी दे सकती है।
बैठक में शामिल हुए ये मंंत्री : बता दें कि इस बैठक में विधि एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री अमरजीत भगत सहित संबंधित विभागों के सचिव भी शामिल हुए।
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