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महिला अपराधों पर अंकुश के लिए योगी सरकार का अहम फैसला, शारदीय से वासंतिक नवरात्र तक चलेगा महिला सुरक

लखनऊ। महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कानून की सख्ती के साथ ही जन जागरण का बड़ा अभियान चलाने का फैसला किया है। पहले प्रस्तावित किए गए नवरात्र यानी 17 से 25 अक्टूबर तक के अभियान बड़ा स्वरूप देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र से वासंतिक नवरात्र तक लगातार अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण के संबंध में रविवार को गृह विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष उनके सरकारी आवास पर प्रस्तुतीकरण किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं के प्रति अपराध की जड़ पर प्रहार करने की जरूरत है। इसे देखते हुए महिला सुरक्षा का अभियान शारदीय नवरात्र से लेकर वासंतिक नवरात्रि तक लगातार चलाया जाए। अभियान के पहले चरण में महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दूसरे चरण में अभियान को ऑपरेशन के रूप में चलाया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान से संबंधित सभी विभाग सोमवार शाम तक अपने द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर प्रस्तुत करें। वीमेन पावर लाइन 1090 और सेफ सिटी परियोजना में चल रहे काम की जानकारी लेने के साथ ही सीएम योगी ने कहा कि 1090 को और प्रभावी बनाएं। महिला-बालिका की संतुष्टि तक प्रकरण की मानीटरिंग होनी चाहिए। जागरूकता अभियान के लिए उन्होंने मिशन शक्ति और कानूनी कार्रवाई के लिए आपरेशन शक्ति नाम का सुझाव दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शारदीय नवरात्र के दौरान पूजा पंडालों और रामलीला स्थलों पर कन्या भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति हिंसा आदि अपराधों पर अंकुश लगाने के संबंध में जागरूक करने वाली लघु फिल्मों और नुक्कड़ नाटकों आदि का प्रदर्शन किया जाए। इन कार्यक्रमों के दौरान कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन जरूर हो। इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद, एडीजी विमेन पावर लाइन नीरा रावत, आइजी लखनऊ रेंज लक्ष्मी सिंह और निदेशक सूचना शिशिर भी उपस्थित थे।

सामान्य दिनचर्या न हो प्रभावित : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अभियान को सामान्य दिनचर्या को प्रभावित किए बगैर चलाया जाए। विभागीय और अंतरविभागीय स्तर पर कार्यक्रमों के संचालन की निगरानी की व्यवस्था रहे। अभियान का लक्ष्य प्रदेश की सभी महिलाओं और बालिकाओं सहित 24 करोड़ प्रदेशवासियों तक पहुंचना होना चाहिए।

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