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Gujarat: अल्‍पेश को भाजपा के ही पूर्व मंत्री की दो टूक, ठाकोर राजनीति में फिर मात खाए अल्‍पेश

अहमदाबाद। Alpesh Thakor: पूर्व विधायक व ओबीसी नेता अल्‍पेश ठाकोर एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। बनास डेयरी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में ठाकोर समाज का सदस्‍य बनाए जाने के उनके दावे की हवा खुद भाजपा नेता शंकर चौधरी ने ही निकालते हुए कहा कि करसनजी ठाकोर पांच साल से डेयरी में निदेशक पद पर हैं। गुजरात की राजनीति में अपने बड़बोलेपन के चलते चर्चा में रहने वाले ओबीसी एकता मंच के अध्‍यक्ष व पूर्व विधायक अल्‍पेश ठाकोर ने उत्‍तर गुजरात की बनास डेयरी में बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर के पद पर आगामी कुछ माह में ठाकोर समाज के नेता के बनने का दावा किया तो भाजपा के ही पूर्व मंत्री शंकऱ चौधरी ने उनके दावे की हवा निकालते हुए कहा कि बनासकांठा की भाभर तहसील के करसनजी ठाकोर पिछले पांच साल से बनास डेयरी के निदेशक हैं।

गौरतलब है कि राज्‍य में गत विधानसभा उपचुनाव में अल्‍पेश खुद राधनपुर से भाजपा के प्रत्‍याशी थे तथा चुनाव प्रचार में दावा करते थे कि चुनाव जीतते ही वे कैबिनेट मंत्री बनेंगे और सरकारी फाइलों पर दस्‍तखत करते नजर आएंगे, लेकिन वे ये चुनाव हार गए। लंबे समय से नेपथ्‍य में रहने के बाद गुजरात में आठ सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले एक बार फिर वे खुद को केंद्र में लाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके बयान का सोशल मीडिया में खूब मजाक उड़ रहा है। 2017 के चुनाव में अल्‍पेश कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए, लेकिन जुलाई 2019 में हुए राज्‍यसभा चुनाव के दौरान पाला बदलकर भाजपा में चले गए थे।

उत्‍तर गुजरात में पूर्व मंत्री शंकर चौधरी का दबदबा माना जाता है। वह अल्‍पेश का यहां कद बढते नहीं देखना चाहते हैं। दरअसल, राधनपुर सीट से विधायक चुने जाने के बाद से ही अल्‍पेश की राजनीतिक महत्‍वाकांक्षा बढ़ गई थी। वह 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। चर्चा यह भी चली थी कि वह अपनी पत्‍नी के लिए कांग्रेस से लोकसभा का टिकट चाहते थे। कांग्रेस के टिकट नहीं देने पर वे राज्‍य सरकार में मंत्री बनने की लालसा लेकर भाजपा में शामिल हो गए, लेकिन उपचुनाव में हार का सामना करने के बाद उनके हाथ से विधायक पद भी छिटक गया।

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