हाथरस । प्रदेश को सुर्खियों में लाने वाले हाथरस के बूलगढ़ी गांव के केस की एसआइटी ने पड़ताल तेज कर दी है। दलित युवती के साथ कथित दुष्कर्म तथा मारपीट के बाद मौत की जांच कर रही एसआइटी ने बूलगढ़ी गांव के 40-45 लोगों से इस केस के बारे में पूछताछ की है। शासन से भेजे गए हाथरस के नोडल अधिकारी डीआइजी शलभ माथुर ने शुक्रवार को पीड़ित परिवार से भेंट करने के साथ हालचाल लिया है। हाथरस के बूलगढ़ी गांव के केस को लेकर हर रोज नए दावों के बीच इस केस की जांच कर रही तीन सदस्यीय एसआइटी टीम ने भी जांच का दायरा व गति बढ़ा दी है। पीड़ित के बाद आरोपितों के बयान लेने के बाद अब एसआइटी की टीम ने गांव का रुख किया है। शुक्रवार को दिन में करीब 11 बजे से पड़ताल शुरू करने वाली एसआइटी की टीम ने शाम तक 40-45 लोगों के बयान दर्ज किए थे। इसके लिए एसआइटी ने गुरुवार को ही गांव के करीब 40-45 लोगों से इस केस के बारे में पूछताछ के लिए नोटिस सौंपा गया था। एसआइटी ने घटना के बारे में पूछताछ करने के साथ ही मृत युवती की जहां पर अंत्येषिट की गई थी, उस स्थान को भी देखा। जांच के लिए एसआइटी का दस दिन का समय बढ़ने के बाद एसआइटी जानकारियां जुटाने में लगी हुई है। इससे पहले भी एसआइटी निलंबित एसपी व सीओ से भी पूछताछ कर चुकी है। इसके साथ यहां पर माहौल भड़काने वाली पोस्ट डालने वालों की तलाश की जा रही है।
पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे नोडल अधिकारी डीआइजी शलभ माथुर हाथरस के नोडल अधिकारी शलभ माथुर भी पीड़ित परिवार से मिलने उनके घर गए। वह वहां पर काफी देर तक रुके। उन्होंने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। शलभ माथुर ने कहा कि यहां आकर उन्होंने इंतजाम का जायजा लिया है, परिवार सुरक्षा से संतुष्ट है।
सामाजिक कार्यकर्ता भी पहुंचे बूलगढ़ी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता मेघा पाटकर, संदीप पाण्डेय व विल्सन भी थे। इन सभी ने पीड़ित परिवार से घटना की पूरी जानकारी की और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बूलगढ़ी में सुरक्षा बढ़ाते हुए स्वजनों को सुरक्षा कर्मी देने के साथ घर और आसपास फोर्स बढ़ाते हुए छत पर एक पुलिस कर्मी तैनात कर दिया गया है। रजिस्टर में हर आने व जाने वाले का नाम-पता लिखा जा रहा है। घर में आने-जाने वाले को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ता है। परिवार का कहना है कि उन्हेंं गांव में खतरा है, ऐसे में वो गांव छोड़ना चाहते हैं। प्रदेश सरकार की ओर से अब पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। पर्सनल सुरक्षा गार्ड्स के अलावा घर और गांव में पुलिस मौजूद है। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे से हर किसी पर नजर रखी जा रही है।
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