हालिया राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मायावती ने भाजपा को समर्थन देने से गुरेज नहीं करने की बात कहने के बाद फिर आगामी चुनावों में अपने नुकसान को भांपते हुए यू-टर्न ले लिया इससे नुकसान मायावती को ही होता दिख रहा है।
चंद विधायकों की बगावत से बौखलाईं बसपा प्रमुख मायावती ने प्रदेश की राजनीति में नए समीकरणों के बीज बो दिए। हाल ही के राज्यसभा चुनाव में सपा ने उनके छह विधायकों को तोड़ा तो उन्होंने कह डाला कि बसपा, विधान परिषद चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को सबक सिखाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने से भी गुरेज नहीं करेगी। हालांकि इस बयान के नुकसान को मायावती ने भांप लिया, लिहाजा यू-टर्न लेते हुए सफाई दी है कि भले ही वह राजनीति से संन्यास ले लें, लेकिन भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगी। See more....
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