रांची । झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में केंद्र की नीतियों पर जमकर हमला बोला। कहा कि राज्य सरकार के खाते से आरबीआइ ने रुपये निकालकर डीवीसी का भुगतान कर दिया, यह एक तरह से दादागिरी है। राज्य सरकार चुप नहीं बैठेगी। इतना ही नहीं, राज्य सरकार का केंद्र पर जीएसटी व कोल कंपनियों के मद में करोड़ों रुपये का बकाया है, लेकिन केंद्र से भुगतान नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार राज्य सरकार को मदद नहीं कर रही है। अगर केंद्र का सहयोग नहीं मिला तो राज्य सरकार केंद्र की आर्थिक नाकेबंदी करने को बाध्य होगी। राज्य के संसाधन से ही देश जगमगाता है, यह केंद्र को नहीं भूलना चाहिए। केंद्र की नीतियों के चलते ही राज्य व केंद्र के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।
केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार के प्रति केंद्र का असहयोगात्मक रवैया रहा है। 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में नई सरकार शुरू हुई थी। सरकार अपना कामकाज शुरू की और पार्टी तथा गठबंधन के संकल्प पत्र में जो भी वादे किए गए थे, उसे धरातल पर उतारने का कार्य शुरू हुआ। इसी बीच मार्च के महीने में कोरोना वायरस का आगमन हो गया और देखते ही देखते इस वायरस ने महामारी का रूप ले लिया। शुरुआत में तो प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में राज्यों को चिंता नहीं करने और सहयोग करने का आश्वासन दिया था, लेकिन जैसे ही इस महामारी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू किया, केंद्र सरकार पीछे हट गई। केंद्र ने राज्य सरकार को उनके हाल पर छोड़ दिया।
राज्य को अनुदान व सहयोग देने से भी इंकार कर दिया। राज्य का बकाया पैसा भी केंद्र ने राज्य को मुहैया नहीं कराया। विनोद पांडेय ने यह भी कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा संघर्ष से बनी हुई पार्टी है। केंद्र की इन नीतियों का विरोध किया जा रहा है। केंद्र अगर समय रहते अपने व्यवहार को सकारात्मक नहीं किया तो भविष्य में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं, हल नहीं निकलने पर राज्य सरकार भी सख्ती पर उतरेगी।
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