चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि असदुददीन ओवैसी ने 24 में से 6 सीटों से दलितों ओबीसी और आदिवासियों को टिकट देकर एकता का संदेश देने की कोशिश की है तो वहीं यादव दलित और मुस्लिम मतदाताओं में सेंध लगाने की चाल भी चली है।
बिहार चुनाव के अंतिम जंग में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम (आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने विपक्षी महागठबंधन के खेमे में हलचल मचा रखी है। सीमांचल और कोसी क्षेत्र में दो दर्जन सीटों पर एआइएमआइएम चुनाव लड़ रही है। मुस्लिम बहुल इलाकों में ओवैसी मुसलमान वोटरों को अपनी ओर खींचने के लिए आक्रमकता के साथ सारे पैतरे अपनाए हैं जो महागठबंधन के खिलाफ अधिक है जबकि एनडीए खेमे के लिए राहत वाली बात है क्योंकि वोटों के ध्रुवीकरण से एनडीए को अपना फायदा दिख रहा है। चुनाव विश्लेषक भी मान रहे हैं कि ओवैसी फैक्टर चुनाव में बड़ा प्रभाव डालने पर महागठबंधन को नुकसान तय है क्योंकि ओवैसी ने सोच-समझकर मुस्लिम, यादव और अनुसूचित जाति के उम्मीदवार उतारे हैं जो महागठबंधन के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश है। See more...
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