मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार Vs राज्यपाल मामले में गर्मी बढ़ती नजर आ रही है। महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच सेक्युलरिज्म और हिंदुत्व पर जंग छिड़ गई है। इस बीच महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यरी पर निशाना साधा है और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का पेट दुख रहा है इसलिए संवैधानिक पद पर विराजमान व्यक्ति को भी प्रसव पीड़ा हो, ये गंभीर है।
शिवसेना ने आज अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा कि राज्यपाल पद पर बैठा व्यक्ति अपनी मर्यादाएं लांघ कर व्यवहार करे तो क्या होता है। इसका सबक देश के सभी गवर्नरों ने ले ही लिया होगा। राज्य के मंदिरों को खोलने के लिए भाजपा ने आंदोलन शुरू किया। उस राजनीतिक आंदोलन में राज्यपाल को भाग लेने की जरूरत नहीं थी। बता दें कि कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने के मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार और राज्यपाल दोनों ने एक दूसरे को पत्र लिखकर तीखा हमला बोला। राज्यपाल कोश्यारी ने अपने पत्र में उन्हें मिले तीन प्रतिनिधिमंडलों के ज्ञापनों का जिक्र किया था जिनमें धार्मिक स्थलों को फिर खोलने की मांग की गई थी। उन्होंने पत्र में लिखा मुझे आश्चर्य होता है कि धर्मस्थलों को फिर से खोलना स्थगित करने के लिए क्या आपको दैवीय चेतावनी मिल रही है या आप अचानक सेक्युलर हो गए हैं, जिस शब्द से आपको चिढ़ थी।
जवाब में उद्धव ने लिखा कि संयोग है कि राज्यपाल ने जिन तीन पत्रों का जिक्र किया है वे भाजपा पदाधिकारियों और समर्थकों के थे। उद्धव ने कहा कि क्या सेक्युलरिज्म संविधान का मुख्य तत्व नहीं है जिसकी आपने राज्य का राज्यपाल बनते वक्त शपथ ली थी। मुझे हिंदुत्व पर किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है और न मुझे इसे किसी से सीखना है।
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