डीटीपीए के अध्यक्ष एन के गोयल ने सरकार को सौंपे लिखित निवेदन में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण कामकाज अबतक सामान्य नहीं हुआ है। कई पेशेवरों समेत उनके कर्मचारी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए। शेष ज्यादातर कंपनियां हैं जहां कर ऑडिट की जरूरत है।
प्रत्यक्ष कर पेशेवरों ने मौजूदा महामारी को देखते हुए कर ऑडिट रिपोर्ट, ऑडिट मामलों में आयकर रिर्टन के लिये अंतिम तारीख और सालाना आम बैठक के लिये समयसीमा बढ़ाने की मांग की है। ‘डायरेक्ट टैक्सेस प्रोफेशनल्स एसोसएिशन’ (डीटीपीए) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आयकर कानून की धारा 44एबी के तहत कर ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की तारीख बढ़ाकर 28 फरवरी और ऑडिट मामलों में आकलन वर्ष 2020-21 के लिये आयकर रिटर्न भरने की तिथि बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 करने का आग्रह किया है।
डीटीपीए के अध्यक्ष एन के गोयल ने सरकार को सौंपे लिखित निवेदन में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण कामकाज अबतक सामान्य नहीं हुआ है। कई पेशेवरों समेत उनके कर्मचारी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए। ऐसे में कर ऑडिट रिपोर्ट और आईटीआर भरने की अंतिम तिथि बढ़ाये जाने की जरूरत है। संगठन के चेयरमैन (पीआर और प्रतिनिधित्व समिति) नारायण जैन ने कहा कि कुल 5.25 करोड़ करदाताओं में से 3.75 करोड़ करदाता पहले ही आयकर रिटर्न दाखिल कर चुके हैं। इसमें व्यक्तिगत करदाता शामिल हैं।
शेष ज्यादातर कंपनियां हैं जहां कर ऑडिट की जरूरत है। और इसकी तरीख बढ़ाये जाने की मांग है। व्यक्तिगत आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा 31 दिसंबर है। पेशेवरों के संगठन ने विवाद से विश्वास योजना के तहत भी घोषणा करने की समयसीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 28 फरवरी, 2021 किये जाने की मांग की है।
सरकार ने महामारी की अवधि में करदाताओं के कर विवाद मामलों को निपटाने के लिए वीएसवी योजना की शुरुआत की थी। इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया की पूर्व अध्यक्ष ममता बिनानी ने कहा, चूंकि कई कॉरपोरेट अभी तक अपने खातों को पूरा नहीं कर पाए हैं और कोरोना महामारी के कारण एजीएम रखने की अंतिम तिथि को 31 मार्च तक बढ़ाने की आवश्यकता है। 21 महीने तक दो एजीएम के बीच अंतर की अनुमति दी जा सकती है। "
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