काम का तनाव हो या लाइफ का दूर करने के लिए यहां बताई जा रही एक्सरसाइज़ और एक्टिविटीज़ हैं बेहद कारगर। इनके रोजाना अभ्यास से आप खुद में एक पॉजिटिव और अच्छा बदलाव महसूस करेंगे और ये बदलाव लंबे समय तक रहते हैं।
हम सभी के लाइफ में किसी न किसी चीज़ को लेकर तनाव रहता ही है। फिर चाहे वो जॉब को लेकर हो, फ्यूचर को लेकर या फिर रिलेशनशिप को लेकर। लेकिन स्थिति तब ज्यादा भयावह हो जाती है जब इसका असर आपके रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने लगता है। तनाव और चिंता की वजह से किसी की नींद उड़ जाती है तो कोई डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। ऐसे में दिमाग को शांत करना बहुत ही जरूरी हो जाता है वरना आगे चलकर स्थिति और गंभीर हो जाती है। तो कैसे इस चीज़ से लड़कर इस पर काबू पा सकते हैं आज हम उसी के कारगर उपाय के बारे में जानेंगे।
मेडिटेशन
मेडिटेशन बहुत ही असरदार अभ्यास है तनाव और चिंता से दूर रहने के लिए। मेडिटेशन के नियमति अभ्यास से आपका दिमाग शांत रहने लगता है। दिमांग शांत रहने से आपको दुनिया से अलग खुद के बारे में सोचने का मौका मिलता है। नींद अच्छी आती है जिससे आपकी बॉडी एनर्जेटिक और एक्टिव फील करती है। बेशक पहली बार में इसे कर पाना मुश्किल होता है लेकिन कुछ दिनों तक लगातार करते रहने से न सिर्फ आप इसे सही तरीके से करने लगेंगे बल्कि इसके फर्क को महसूस भी कर पाएंगे।
योगा
जहां एक्सरसाइज से आप सिर्फ बॉडी ट्रांसफॉर्म कर सकते हैं वहीं योगा से शरीर को सुडौल बनाने के साथ दिमाग को भी शांत और चिंताओं से मुक्त रख सकते हैं। योगा का फर्क बेशक आपको इतनी जल्दी देखने को नहीं मिलेगा लेकिन इसका असर लंबे समय तक बना रहता है। तो योग को जरूर अपने रूटीन में शामिल करें और ऐसा बिल्कुल भी नहीं कि इसका फायदा सुबह ही मिलता है शाम को भी इसे करने के फायदे होते हैं। फिजिकली और मेंटली दोनों पर ही कारगर है योगाभ्यास। वॉक के फायदों से तो आप वाकिफ होंगे ही लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इसका असर आपके दिमाग पर भी पड़ता है? अगर नहीं तो आपको बताना चाहेंगे कि कुछ मिनट की वॉक करने से आप अपने दिमाग को भी चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं। तो जब भी समय मिले अपने आसपास मौजूद किसी पार्क में टहलने निकल जाएं और बिना हेडफोन लगाए कुछ देर प्रकृति के नजारों को देखते हुए वॉक करें। आप अंदर से रिलैक्स और फ्रेश महसूस करते हैं।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज
मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज दो अलग-अलग चीज़ें हैं। लेकिन इनका मकसद एक ही है दिमाग को शांत करने के साथ चिंताओं से मुक्त करना। तो इसके लिए आपको ये करना होगा कि अपने अंगूठे से बाएं नाक को बंद करते हुए कुछ सेकेंड तक दाएं नाक से सिर्फ सांस भरें फिर रिंग फिंगर से दाएं नाक को भी बंद कर लें और सांस को रोक कर रखें अपनी क्षमतानुसार। इसके बाद बाएं नाक से अंगूठे को हटाकर सांस को बाहर निकालें। फोकस पूरी तरह सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर रखें। अभ्यास पूरा होने के बाद आप बहुत ही हल्का और स्वस्थ महसूस करेंगे।
एक्टिविटीज में हिस्सा लें
बच्चों के साथ तो कभी बड़ों के साथ किसी तरह की एक्टिविटीज की प्लॉनिंग बनाएं। जिसमें खेलने से लेकर पिकनिक जैसी चीज़ों को शामिल करें। कई बार आपको ऐसा करना सिरदर्द लगता होगा लेकिन यकीन मानिए ऐसी एक्टिविटीज स्ट्रेस को दूर करने का काम करती हैं।
पालतू जानवरों के साथ खेलना
कुत्ते, बिल्ली, तोता, सिंगिंग बर्ड्स किसी भी तरह के पेट्स अगर आपके घर में मौजूद हैं तो कुछ वक्त उनके साथ बिताएं। उनसे बातें करें, उनके साथ खेलें या फिर उनके साथ वॉक या ड्राइव पर निकल जाएं। ये एंटरटेनमेंट के साथ आपके दिमाग और मूड को भी फ्रेश करने का काम करते हैं।
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