मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में खबर का बड़ा असर हुआ है, बुधवार (23 दिसंबर) को हमने दिखाया था कि कैसे कॉन्ट्रैक्ट खेती के नाम पर किसानों को पन्ने भर का कागज थमाया गया है. कैसे उसमें ना कोई सील है ना हस्ताक्षर लेकिन अब ये बदल जाएगा. खुद मुख्यमंत्री ने ऐलान किया है ना सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को लेकर सभी 313 ब्लॉक में प्रशिक्षण शिविर लगाया जाएगा, बल्कि अब राज्य में अब अगर कोई कांट्रैक्ट फॉर्मिंग करेगा, मतलब खरीदने का समझौता करेगा तो फसल बोते समय एक खास फॉर्मेट भी रहेगा. सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने आज कहा था, "आजकल अपन खतरनाक मूड में है, गड़बड़ करने वाले को छोड़एंगे नहीं, मामा फार्म में है."
तो ऐसा लगता है कि वाकई मामा खतरनाक मूड में हैं तभी खबर का उन्होंने फटाफट संज्ञान लिया. बुधवार को हमने खबर दी थी कैसे अनुबंध के नाम पर किसानों को पन्ने भर का फॉर्म थमाया गया, ना ढंग से शर्तें लिखी गईं ... ना कंपनी की सील थी, ना किसी के हस्ताक्षर. कंपनी के नाम पर खाद-दवा बेचने वाले कारोबारी का नाम था, हस्ताक्षर उसके भी नहीं.
इस खबर पर कांग्रेस ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी, राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, "भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं. इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा."
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा ... मुख्यमंत्री ने खबर दिखाये जाने के बाद कह दिया है कि अब ऐसा नहीं होगा, फॉर्मेट होगा, किसानों को ट्रेनिंग भी मिलेगी. सीएम ने कहा, "अगर कोई कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग करेगा फसल बोते समय एक फॉर्मेट भरना पड़ेगा वो एसडीएम के पास भी जमा रहेगा ताकी कोई बेमानी ना कर पाए, वो फॉर्मेट भी आपको देंगे कोई करेगा तो छोड़ेंगे नहीं."
पीएम सम्मान निधि के ऐलान के मौके पर मुख्यमंत्री ने अनुबंध की खेती को लेकर ये ऐलान किया, मध्यप्रदेश में 77 लाख किसानों को प्रति वर्ष तीन किश्तों में दो 2-2 हज़ार रुपये केन्द्र सरकार देती ही है, राज्य सरकार भी दो किश्तों में दो-दो हज़ार रुपये देती है.