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जानिए, किस कारण से बिहार विश्वविद्यालय के दर्जनभर बीएड कॉलेजों की मान्यता पर लटकी तलवार

मुजफ्फरपुर। एनसीटीई (नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन) ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से संबद्ध करीब दर्जनभर कॉलेजों में नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों की नियुक्ति करने के मामले में संज्ञान लिया है। इन कॉलेजों को नोटिस भेजा गया है। ये बीआरए बिहार विवि से संबद्ध हैं और वैशाली, पूर्वी-पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी व मुजफ्फरपुर के हैं। कॉलेज संचालकों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे शीघ्र नियुक्त शिक्षकों को मानक के अनुसार अपडेट नहीं करते तो सत्र 2021-22 से बीएड में नामांकन पर रोक लगाते हुए इनकी मान्यता रद कर दी जाएगी। काउंसिल की ओर से इन कॉलेजों को अबतक दो बार रिमाइंडर भेजा गया है। इस निर्देश के बाद से बीएड कॉलेज संचालकों में हड़कंप है। अन्य कॉलेज जिन्हें नोटिस नहीं भेजा गया वे भी मानक के अनुरूप अपने को तैयार कर रहे हैं, ताकि काउंसिल की नजर उनपर पड़े तो सब ठीक मिले।

शिक्षकों की नियुक्ति के ये हैं मानक 

बीएड कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कम से कम योग्यता नेट या पीएचडी होनी चाहिए। लेकिन, इन कॉलेजों में काउंसिल के इस निर्देश का पालन किए बिना ही शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। एक बीएड कॉलेज में 16 शिक्षक और एक एचओडी या प्राचार्य होते हैं। ऐसे में करीब 200 शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाना होगा। साथ ही काउंसिल के दिशानिर्देश के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति करने के बाद इसकी जानकारी विश्वविद्यालय के साथ ही काउंसिल को भी देनी होगी। काउंसिल की ओर से दो दिन पहले जारी पत्र में कहा गया है कि इसकी प्रक्रिया अभी से शुरू कर दें और विवि को भी कहा गया है कि कॉलेजों को मानक का पालन करने के लिए कहें।

कई प्रतिष्ठित कॉलेज भी हैं शामिल

जिन कॉलेजों में नियमों का पालन नहीं किया गया है उनमें कई विवि के मुख्यालय में ही हैं। उन्हें विवि की ओर से कहा गया है कि शीघ्र काउंसिल के मानक के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति कर रिपोर्ट करें। ऐसा नहीं करने पर मान्यता खतरे में पड़ जाएगी। बता दें कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से संबद्ध 58 कॉलेज हैं। ये पांच जिलों में हैं।

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