रिश्तेदार और दोस्तों को दें क्रिसमस की बधाई इन प्यार भरे मैसेज के साथ
- ab2 news
- Dec 25, 2020
- 3 min read

Merry Christmas 2020 दिसंबर शुरू होते ही शुरू हो जाती हैं क्रिसमस की तैयारियां और आज फाइनली वो दिन आ ही गया जिसका सेलिब्रेशन दुनियाभर में किया जाता है। लोग अपने घर को क्रिसमस ट्री और लाइट्स से सजाते हैं गिफ्ट देते हैं और मिलकर डिनर करते हैं।
आज क्रिसमस है, इस दिन जीसस का जन्म हुआ था। जीसस का अर्थ है प्रेम, अगर आप प्रेम कहते है तो आपको जीसस कहने की जरूरत नहीं है और अगर आप जीसस कहते हैं, तो इसका अर्थ प्रेम ही है। हर साल 25 दिसंबर के दिन दुनियाभर में क्रिसमस का त्योहार बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। ईसाई धर्म के लोग इस बड़े दिन को एक साथ मिलकर मनाते हैं। हालांकि, इस साल कोरोना वायरस महामारी के चलते क्रिसमस की धूम कुछ कम रहेगी। लोग एक साथ मिलकर इस त्योहार का मज़ा नहीं ले पाएंगे बल्कि अपने-अपने घरों में रहकर मनाने की कोशिश करेंगे।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन ईसा मसीह यानी जीसस क्राइस्ट का जन्म हुआ था। इस त्योहार की तैयारी लोग कुछ महीने पहले शुरू कर देते हैं। इसके लिए सभी अपने घर को क्रिसमस ट्री, रेथ और लाइट्स से सजाते हैं, अपने करीबी लोगों को गिफ्ट देते हैं और मिलकर डिनर करते हैं। इस त्योहार का छोटे बच्चों को खास इंतज़ार रहता है क्योंकि इस दिन सेंटा क्लॉस उन्हें खूब सारे गिफ्ट्स जो देता है।

25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है क्रिसमस ईसाई धर्म के अनुसार इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था। हालांकि, बाइबल में इस बात की पुष्टी नहीं मिलती। दरअसल, ईसा मसीह के जन्म की तारीख के बारे में कोई जानकारी न होने की वजह से शुरुआत में ईसाई समुदाय में कुछ मतभेद थे। लेकिन, 360 ईसवी के करीब एक चर्च में ईसा मसीह का जन्मदिन पहली बार 25 दिसंबर को मनाया गया था। हालांकि, उसके बाद भी उनके जन्मदिवस के लेकर मतभेद रहे। फिर लंबे विचार और बहस के बाद इस नतीजे पर निकले कि 25 दिसंबर को ही उनका जन्मदिन मनेगा। चौथी शताब्दी में इस दिन की घोषणा की गई। अमेरिका में साल 1836 में इस दिन को मान्यता मिली।

हमारे साथ मिलकर आप भी गाएं,
हैप्पी क्रिसमस 2019
क्रिसमस की खुशी, गिफ्ट का आनंद
सेंट लेकर आया तोहफा रंग-बिरंग
फेंक के रज़ाई, निकलिए दोस्तों के संग
आप भी बनिए सेंटा, कंजूसी छोड़कर
बांटिए खुशियां, गिफ्ट की गठरी लेकर संग
आपकी आंखों में सजे हों जो भी सपने,
ये क्रिसमस का पर्व उन्हें पूरा कर जाए
आपके लिए है हमारी यही शुभकामनाएं
Wish You A Merry Christmas!

कभी सुनी है क्रिसमस ट्री की कहानी?
हज़ारे साल पहले क्रिसमस ट्री की शुरुआत यूरोप में की गई। उस दौरान फेयर नाम के पेड़ को सजाया जाता था और विंटर कार्निवल मनाया जाता था। धीरे-धीरे सर्दियों में क्रिसमस ट्री का चलन पॉपुलर हो गया और हर कोई अपने घर में इसे सजाने लगा। इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि ईसा मसीह के जन्म के वक्त देवताओं ने खुशी में सदाबहार के पेड़ को सजाया था। तब से ही उनके जन्म दिवस यानी 25 दिसंबर को क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा शुरू हो गई।
खुदा से क्या मांगू तुम्हारे वास्ते
सदा खुशियां हो तुम्हारे रास्ते
हंसी तुम्हारे चेहरे पर रहे कुछ इस तरह
खुशबू फूल का साथ निभाए जिस तरह
Merry Christmas!
मुबारक हो तुमको
क्रिसमस और नव वर्ष मेरे यार!
Merry Christmas!
देवदूत बनके कोई आएगा,
सारी आशाएं पूरी करके जाएगा
क्रिसमस के इस शुभ दिन पर,
तोहफे खुशियों के दे जाएगा
आप सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं
प्रभु यीशु ऐसी क्रिसमस बार-बार लाएं,
क्रिसमस पार्टी में चार चांद लग जाएं,
सेंटा क्लॉज़ से आपको हर दिन मिलवाएं,
हर दिन आप नए-नए तोहफे पाएं!

कौन होता है सेंटा?
क्रिसमस का खासकर बच्चों को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। सेंटा क्लॉस असल में सैंट निकोलस हैं। कहा जाता है कि बचपन में ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। जब वह बड़े हुए तो पादरी बन गए। उन्हें लोगों की मदद करना काफी पसंद था। इनका जन्म 340 ईस्वी में 6 दिसंबर को मनाया जाता था। उस दौरान ऐसी मान्यता थी कि 25 दिसंबर को सैंट निकोलस बच्चों के लिए तोहफे लेकर आते हैं। इसी तरह सैंट निकोलस बच्चों के लिए सेंटा क्लॉस बन गए। खासकर वह गरीब बच्चों को छिपकर गिफ्ट दिया करते थे ताकि उन्हें कोई देख न ले।
क्रिसमस का यह प्यारा त्योहार
जीवन में लाए खुशियां अपार
सेंटा क्लॉज़ आए आपके द्वार
शुभकामना हमारी करें स्वीकार
Merry Christmas!
इस क्रिसमस आपका जीवन क्रिसमस ट्री की तरह,
हरा-भरा और भविष्य तारों की तरह चमचमाता रहे!
आपके जीवन में खुशियां जगमगाती रहे
मैरी क्रिसमस!
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