रणनीति के तहत कोरोना की जांच व मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मियों सफाईकर्मियों के साथ अन्य कोरोना वारियर्स के साथ-साथ 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को केंद्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर मुफ्त में वैक्सीन देगी।
कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर देश में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में सभी लोगों को कोरोना वायरस के टीके की जरूरत नहीं पड़ने से जुड़े मोदी सरकार के बयान को लेकर निशाना साधा है। राहुल ने पूछा है कि आखिर इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रुख क्या है? पीएम मोदी को कोरोना वैक्सीन को लेकर अपना रुख देशवासियों से सामने खुलकर रखना चाहिए।
राहुल गांधी ने उन्होंने ट्वीट किया, 'प्रधानमंत्री कहते हैं कि सभी के लिए कोरोना वायरस का टीका उपलब्ध होगा। बिहार चुनाव में भाजपा कहती है कि प्रदेश में सभी के लिए कोरोना का टीका मुफ्त में उपलब्ध होगा। अब भारत सरकार का कहना है कि उसने कभी ऐसा नहीं कहा कि सभी को टीका मिलेगा।' कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि आखिर प्रधानमंत्री का रुख क्या है?
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि पूरे देश की आबादी को कोविड-19 का टीका लगाने के बारे में कभी कोई बातचीत नहीं हुई। उन्होंने कहा, 'मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार ने पूरे देश की आबादी के टीकाकरण के बारे में कभी नहीं कहा।' भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा था, 'हमारा उद्देश्य संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ना होगा। अगर हम आबादी के कुछ हिस्से का टीकाकरण करने और संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ने में सक्षम हैं तो हमें देश की पूरी आबादी के टीकाकरण की आवश्यकता नहीं होगी।' इस बीच भारतीय वैक्सीन के तीसरे फेज के एडवांस स्टेज में पहुंचने के साथ ही सरकार के वैक्सीन वितरण की रणनीति साफ होने लगी है। बताया जा रहा है कि रणनीति के तहत कोरोना की जांच व मरीजों के इलाज में लगे स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों के साथ अन्य कोरोना वारियर्स के साथ-साथ 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को केंद्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर मुफ्त में वैक्सीन देगी। अन्य लोगों को वैक्सीन के लिए न सिर्फ लंबा इंतजार करना पड़ेगा, बल्कि उसकी कीमत भी उन्हें खुद चुकानी पड़ सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से वैक्सीन के मुफ्त वितरण को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। यही वजह है कि विपक्ष सरकार पर रुख साफ करने का दबाव बना रहा है।
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