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Hathras Case Hearing : कोर्ट ने पीड़ित परिवार के साथ सरकारी पक्ष को भी सुना, अगली सुनवाई दो को


लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को दिन में दो बजे से हाथरस के बूलगढ़ी गांव में मृत दलित युवती के साथ कथित दुष्कर्म, मारपीट तथा पीड़िता का रातोंरात अंतिम संस्कार कराने के मुद्दे पर सुनवाई की। सुनवाई करीब तीन घंटा तक चली। यह प्रकरण कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुना, अब दो नवंबर को अगली सुनवाई।इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को दलित युवती के साथ कथित दुष्कर्म, मारपीट तथा मौत के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने मृत युवती के परिवार के पांच लोगों के साथ ही उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया सहित शीर्ष अधिकारियों तथा हाथरस के डीएम व एसपी का पक्ष जाना। इस दौरान सरकार की तरफ से एएजी विनोद शाही ने सरकार का पक्ष रखा। पीड़ित परिवार का पक्ष सुप्रीम कोर्ट की वकील सीमा कुशवाहा ने रखा। हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने अब इस केस की अगली सुनवाई के लिए दो नवंबर तारीख तय की है। जस्टिस पंकज मित्तल व जस्टिस राजन रॉय की बेंच ने मामले की सुनवाई की। हाथरस के पीड़ित परिवार के सदस्यों ने पीठ के सामने अपना पक्ष रखा। इसके बाद डीपीजी हितेश चंद्र अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने भी कोर्ट को कार्रवाई से अवगत कराया। हाथरस के डीएम प्रवीर कुमार लक्षकार तथा एसपी विनीत जायसवाल ने पीड़ित पक्ष को जिला व पुलिस प्रशासन की तरफ से मिल रहे सहयोग के बारे में कोर्ट को अवगत कराया।

डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने कहा कि मृत युवती का रात में अंतिम संस्कार कराने का निर्णय जिले में कानून और व्यवस्था को नियंत्रण में रखने के कारण लिया गया। इस बारे में सरकार की तरफ से कोई दबाव नहीं था। इसके बाद कोर्ट ने आज की सुनवाई समाप्त कर दी। कोर्ट ने अभी कोई आदेश जारी नहीं किया है। वरिष्ठ वकील जेएन माथुर ने कहा कि अदालत ने एक अक्टूबर को इस प्रकरण का संज्ञान लिया था।  कोर्ट ने आज यह भी कहा कि सरकार को हाथरस मामले में इस तरह की परिस्थितियों में शवों के दाह संस्कार के लिए दिशा-निर्देश तैयार करना ही होगा। अतिरिक्त महाधिवक्ता वीके साही ने अदालत में राज्य के राज्य प्राधिकरणों का प्रतिनिधित्व किया। कोर्ट में पीड़ित परिवार के सभी पांच लोगों ने अपना-अपना पक्ष रखा। इसके बाद कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह, एडीजी लॉ एंड आर्डर और डीएम हाथरस के सवाल भी किया।


परिवार की मांग: गुप्त रखी जाए सीबीआइ जांच की रिपोर्ट

वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि पीड़ित परिवार ने मांग की है कि सीबीआइ की रिपोर्टों को गोपनीय रखा जाए। हमने यह भी प्रार्थना की थी कि मामला यूपी से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाए। इस परिवार की मांग है कि केस को दिल्ली या फिर मुम्बई स्थानांतरित किया जाए। इसके साथ ही परिवार की यह है कि इस मामले के पूरी तरह से समाप्त होने तक परिवार को कड़ी सुरक्षा में रखा जाए। परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए। पीड़ित पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा ने हाथरस पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि परिवार ने कहा है कि पुलिस ने शुरुआत से ही सही जांच नहीं की। हमें परेशान किया। इस केस में हमारी कोई मदद नहीं की थी। शुरू में तो इस केस में एफआइआर भी नहीं लिखी। इसके साथ ही बिना हमारी सहमति के रात में बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया। उसके अंतिम संस्कार में भी हमें शामिल नहीं किया। हमें तो पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं। डीएम ने भी परिवार पर अनुचित दबाव बनाया। मामला कोर्ट ‘गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार’ टाइटिल के तहत जस्टिस पंकज मित्तल व जस्टिस राजन रॉय की बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया गया।


हाईकोर्ट के आसपास आम दिनों से ज्यादा सख्ती

हाई कोर्ट परिसर के आसपास वैसे तो नियमित रूप से भीड़ रहती है लेकिन हाथरस मामले में सुनवाई को लेकर सोमवार को सभी गेटों पर कुछ ज्यादा ही सतर्कता रही। इसके चलते वकीलों के साथ साथ उन लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ी जिनकी सुनवाई आज होनी थी। गेट नंबर 6 की ओर आने वाले रास्ते पर आम वाहनों का प्रवेश सुबह 10:00 बजे से ही बंद कर रखा था। कोर्ट परिसर में दोपहर 1:30 बजे गेट नंबर 5 से पीड़ित परिवार को गेट नम्बर पांच से प्रवेश दिलाया गया। इस दौरान हाईकोर्ट के आसपास मीडिया वालों को भी जाने नहीं दिया गया। पीड़ित परिवार को गेट नंबर 6 से जाना था लेकिन अचानक सतर्कता के चलते शेड्यूल बदल दिया गया। पीड़ित परिवार को पहले गोमती नगर की विभूति खंड स्थित उत्तराखंड भवन ले जाया गया। मामला ‘गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार’ टाइटिल के तहत जस्टिस पंकज मित्तल व जस्टिस राजन रॉय की बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया गया। एक अक्टूबर को इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था, जिलाधिकारी हाथरस और पुलिस अधीक्षक हाथरस को तलब किया था। न्यायालय ने मृतका के मां-पिता, भाई व बहन को भी हाजिर होने को कहा था।

हाइकोर्ट की सुनवाई पर सबकी नजर

इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने हाथरस में दलित युवती के साथ इस प्रकार पर जबरन अंतिम संस्कार कराने के मामले में डीएम-एसपी समेत उच्चाधिकारियों को तलब करते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा।

एसआइटी करती रहेगी अपनी जांच

हाथरस कांड को लेकर सचिव गृह भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में गठित एसआइटी जल्द अपनी जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एसआइटी को हाथरस में हुई घटना के पूर्व तथा एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस की भूमिका की जांच सौंपी गई है। एसआइटी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। एसआइटी की पहली रिपोर्ट के आधार पर ही हाथरस के एसपी विक्रांत वीर व तत्कालीन सीओ राम शब्द समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।

एसआइटी जांच कर रही है, सीबीआइ विवेचना करेगी

पूर्व डीजीपी बृजलाल का कहना है कि एसआइटी ने जांच की है, जबकि सीबीआइ घटना की विवेचना करेगी। जांच और विवेचना दोनों अलग-अलग हैं। एसआइटी की जांच में पाई गईं कमियों व गलतियों पर संबंधित पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध शासन कार्रवाई कर सकता है, लेकिन उसकी जांच घटना की विवेचना का हिस्सा नहीं हो सकती। सीबीआइ चाहेगी तो एसआइटी से उसकी जांच रिपोर्ट ले सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने दिया था एफिडेविट

सुप्रीम कोर्ट में बीते मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने रात में अंतिम संस्कार कराए जाने को लेकर सफाई दी थी। इसमें हाथरस जिला प्रशासन की ओर से दाखिल एफिडेविट में दावा किया गया कि, जिले को बड़ी हिंसा से बचाने के लिए मृत युवती के माता-पिता को रात में अंतिम संस्कार करने के लिए मना लिया था। खुफिया रिपोर्ट मिली थी कि वहां पर लाखों लोग एकत्र होंगे, जिससे बड़े बवाल की संभावना थी। यह लोग वहां पर जाति के साथ सांप्रदायिक रंग दे सकते थे। इसी दिन बूलगढ़ी मामले में दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से तीन मुद्दों- गवाहों व परिवार की सुरक्षा, पीड़ित परिवार के पास वकील है कि नहीं और इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस केस का स्टेट्स क्या है। इस पर पर हलफनामा दाखिल करने को कहा था। जिसकी सुनवाई आज होनी है। बूलगढ़ी प्रकरण मामले को सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया है। राज्य सरकार की सिफारिश पर शनिवार हाथरस कांड की सीबीआइ जांच की अधिसूचना जारी कर दी गई है। सीबीआइ ने केस अपने हाथ में लेने के साथ ही रविवार को गाजियाबाद में एक मामला दर्ज किया है। शाम को टीम हाथरस भी पहुंच गई। आज सीबीआइ जांच में तेजी आएगी। बताया जा रहा है कि टीम मृतका के गांव भी जाएगी।

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