मुंबई पुलिस ने बुधवार सुबह रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को उनके घर से हिरासत में ले लिया है। इसको लेकर अर्नब ने मुंबई पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। एएनआइ द्वारा रिपब्लिक टीवी की तरफ से दिखाए गए अर्नब के घर के एक लाइव फुटेज को दिखाया गया, जिसमें पुलिस और अर्नब के बीच झड़प होती दिख रही थी। पुलिस ने अर्नब गोस्वामी को दो साल पुराने इंटीरियर डिजाइनर की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। पिछले दिनों इस मामलें में फिर से जांच के आदेश दिए गए थे। इस गिरफ्तारी पर देश के तमाम मंत्रियों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
Reaction on Arnab Goswami Arrest:
-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक बार फिर लोकतंत्र को शर्मसार किया है। रिपब्लिक टीवी और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ राज्य की सत्ता का दुरुपयोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। यह हमें आपातकाल की याद दिलाता है। फ्री प्रेस पर इस हमले का विरोध होगा।’
Congress and its allies have shamed democracy once again. Blatant misuse of state power against Republic TV & Arnab Goswami is an attack on individual freedom and the 4th pillar of democracy. It reminds us of the Emergency. This attack on free press must be and WILL BE OPPOSED. — Amit Shah (@AmitShah) November 4, 2020
कानून और न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया कि कोई असहमत हो सकता है, बहस कर सकता है और सवाल भी पूछ सकता है। अर्नब गोस्वामी जैसे पत्रकार को पुलिस पावर का दुरुयोग करके गिरफ्तार करना, चूंकि वे सवाल पूछ रहे है, ये ऐसी घटना है जिसकी हम सभी को निंदा करनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है।’
One can differ, one can debate and one can ask questions too. However arresting a journalist of the stature of #ArnabGoswami by abuse of Police power, because he was asking questions, is something which we all need to condemn. — Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 4, 2020
संपादकों के संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वमी की गिरफ्तारी की निंदा की है। एक बयान में कहा गया कि वो बुधवार सुबह अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बारे में जानकर हैरान है। संगठन ने कहा, ‘गिल्ड ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया की रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य की पावर का इस्तेमाल ना किया जाए।’
The Editors Guild of India has issued a statement on the arrest of Arnab Goswami, editor-in-chief of Republic TV. pic.twitter.com/gL3MstVlla — Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) November 4, 2020
अर्नब की गिरफ्तारी पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने पुलिसिया कारवाई की निंदा की है और इसे आपातकाल की घटना की संज्ञा दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।’ इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में काम कर रही कांग्रेस अभी भी आपातकालीन मनस्तिथि में है। इसी का सबूत आज महाराष्ट्र में उनकी सरकार ने दिखाया है। लोग ही इसका लोकतांत्रिक जवाब देंगे।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी बोली- प्रेस की स्वतंत्रता में जो लोग आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं हैं, तो अब आप टेक्निकली फासीवाद के समर्थन में हैं। आप भले ही उन्हें न से पसंद हों, भले ही आप उन्हें मान्यता नहीं देते हों, आप उनके अस्तित्व को कुछ न समझ सकते हों, लेकिन यदि आप चुप रहते हैं, तो आप दमन का समर्थन करते हैं। अगर आप आगे नहीं आएंगे, तो कौन बोलेगा?
Those in the free press who don’t stand up today in support of Arnab, you are now tactically in support of fascism. You may not like him, you may not approve of him,you may despise his very existence but if you stay silent you support suppression. Who speaks if you are next ? — Smriti Z Irani (@smritiirani) November 4, 2020
BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इस गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘यह सोनिया और राहुल गांधी द्वारा निर्देशित उन लोगों को चुप कराने का एक और उदाहरण है जो उनसे असहमत हैं। शर्मनाक!’
Every person who believes in a free press and freedom of expression is furious at the Maharashtra Government’s bullying and harassment of Arnab Goswami. This is yet another instance of Sonia and Rahul Gandhi-directed antic of silencing those who disagree with them. Shameful! — Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) November 4, 2020
वहीं, इस मामले पर बात करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘महाराष्ट्र में कानून का पालन किया जाता है। अगर किसी के खिलाफ सबूत हैं तो पुलिस कार्रवाई कर सकती है। ठाकरे सरकार के गठन के बाद से, बदला लेने के लिए किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।’ बता दें कि अर्नब ने मुंबई पुलिस पर अपने और अपने परिवार के साथ मारपीट करने का आरोप भी लगाया है।
The law is followed in Maharashtra. Police can take action if they have evidence against anyone. Since the formation of Thackeray government, no action has been taken against anyone for revenge: Sanjay Raut, Shiv Sena leader pic.twitter.com/UnQK8C4HpX — ANI (@ANI) November 4, 2020
मुंबई पुलिस द्वारा अरनब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल बोले, इसे ‘पावर का दुरुपयोग’ कहा जाता है। उन्होंने ट्वीट किया, महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर इस हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं। ये कदम अघोषित आपातकाल का संकेत है। पत्रकार अर्नब गोस्वामी पर हमला करना सत्ता के दुरुपयोग का एक उदाहरण है। हम सभी को भारत के लोकतंत्र पर इस हमले के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
Strongly condemn this attack on freedom of press in Maharashtra. This fascist move is a sign of undeclared emergency. Assaulting journalist #ArnabGoswami is an example of misuse of power. We must all stand up against this attack on India’s democracy. — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 4, 2020
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने अर्नब गोस्वामी पर हुए हमले को ‘नफरत’ की राजनीति के रूप में बताया। मुंबई में विरोध की घोषणा की।
EAM एस जयशंकर ने अर्नब गोस्वामी का समर्थन करते हुए कहा, ‘यह प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है’।
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