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TRP Scam: फर्जी टीआरपी मामले पर BARC का बड़ा एक्शन, न्यूज चैनलों की रेटिंग्स पर लगाई रोक

  • Writer: ab2 news
    ab2 news
  • Oct 15, 2020
  • 1 min read

नई दिल्ली, पीटीआइ। फर्जी टीआरपी (TRP) को लेकर जारी बवाल के बीच रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (Broadcast Audience Research Council) ने बड़ा फैसला लिया है। BARC ने न्‍यूज चैनलों की साप्‍ताहिक जारी होने वाली रेटिंग पर फिलहाल रोक लगा दी है। ये रोक अस्थायी तौर पर सभी भाषाओं में समाचार चैनलों की रेटिंग पर 12 सप्ताह तक लगाई गई है। बार्क की तरफ से कहा गया है कि टीआरपी का डेटा मापने के वर्तमान सिस्‍टम का रिव्‍यू किया जाएगा। उसे और बेहतर किया जाएगा।


बता दें कि फर्जी टीआरपी का यह मामला तब सामने में आया था जब बार्क ने हंस रिसर्च ग्रुप के जरिये इस आशय की शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ टीवी चैनल टीआरपी के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं। इसमें आरोप लगाया गया था कि ऐसे कुछ परिवारों को एक खास चैनल चलाने के लिए रिश्वत दी जा रही थी जिनके घरों में टीआरपी डाटा एकत्रित करने वाले उपकरण लगे थे।

पुलिस ने इस मामले में कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में न्यूज़ चैनल के कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस अर्नब गोस्वामी के नेतृत्व वाले रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है। वहीं, रिपब्लिक टीवी ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।

पिछले हफ्ते मुंबई पुलिस कमिश्नर (सीपी) परमबीर सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस करके दावा किया था कि विज्ञापनों से बेहतर राजस्व जुटाने के लिए रिपब्लिक टीवी, बॉक्स सिनेमा और फक्त मराठी चैनलों ने टीआरपी के साथ छेड़छाड़ की थी। हालांकि रिपब्लिक टीवी ने उनके दावे को पूरी तरह खारिज किया है।

बार्क भारत में टीवी चैनलों के लिए हर हफ्ते रेटिंग प्वाइंट्स जारी करता है। बार्क मीडिया उद्योग का ही एक निकाय है जिसका गठन सटीक, विश्वसनीय और समय पर टीवी दर्शकों की संख्या मापने के लिए किया गया है। यह टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सिफारिशों के मार्गदर्शन में कार्य करता है।

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