अगर नाराजगी का दौर छोटा ना हो, तो यह नफरत में बदल जाती है अपनापन और प्यार हीं नहीं, यह सोच और समझ तक निगल जाती है.
जब भी नाराजगी हमारे दरम्यान आई प्यार से एक-दूसरे को मनाया हमने और फिर हमारे चेहरे पर मुस्कान छाई.
थोड़ी अनबन, थोड़ा तकरार इन्हीं बातों से तो बढ़ता है प्यार.
कुछ लोग नाराजगी का बहाना कर इतने दूर चले जाते हैं लाख सिर पटकने पर भी लौटकर वापस नहीं आते हैं.
कभी-कभी की नाराजगी प्यार बढ़ा देती है लेकिन हर दिन की नाराजगी मान घटा देती है.
जो बच्चों सा दिल रखते हैं, वे हीं रिश्ते निभा पाते हैं वरना बड़े तो छोटी सी नाराजगी में हीं रिश्तों को गंवाते हैं.
सौ बार की नाराजगी ने सौ बार प्यार को बढ़ाया है खट्टे-मीठे एहसासों ने रिश्ते को और मजबूत बनाया है.
ना आँखों में चमक, ना होंठों पर कोई हलचल है तेरी नाराजगी का ऐसा असर है कि अब तो गम पल-पल है.
नाराजगी किसी से हो तो उसे बता दिया करो मन में बोझ रखकर खुद को जलाया ना करो.
नाराजगी जिंदगी से हो जाये, तो भी इससे रूठा नहीं करते छोटी सी बात पर, यूँ उम्र भर के लिए टूटा नहीं करते.
लोग अक्सर एक हीं भूल कर जाते हैं नाराजगी जिससे हो उसे छोड़ जमाने को बताते हैं.
नाराजगी हो तो वो मुझसे रूठकर बैठ जाती है जरा सा मना लूँ, तो आकर गले से लग जाती है.
जिंदगी की नाराजगी लगता है मुझसे खत्म हीं नहीं होगी जिसे हद से ज्यादा चाहा, वो कभी मेरी नहीं होगी.
सबको खुश रखने की कोशिश करोगे, तो खुशियाँ नाराज हो जाएँगी दिखावे के चक्कर में जो फंसोगे, तो बस हार हीं हार पाओगे.
top of page
Search
Post: Blog2_Post
bottom of page
Comments